Everything about वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
Everything about वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
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इस साधना के जरिये हम शक्तिशाली मोहिनी वशीकरण का प्रभाव पैदा कर सकते है.
ये एक highly effective wander off like back again spell है क्यों की इसके जरिये शक्तिशाली चुम्बकीय प्रभाव पैदा किया जाता है.
इस मंत्र का जाप एक शांत और पवित्र स्थान पर, स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र पहनकर करना चाहिए। मंत्र जाप की विधि और मंत्रों की संख्या के बारे में किसी अनुभवी गुरु या पुस्तक से जानकारी प्राप्त करें।
बांध इन्द्र की बांध तारा, बांधू बिद लोही की धारा, उठे इन्द्र न बोले बाव, सूक साख पूंजी हो जाय, बन ऊपर लोकी कड़े हीय लपर लो सूत में, तो बंधन बांधयो सास-ससुर जाया पूत, मन बांधू मंवन्त बांधू विद्या दे साथ, चार खूंट लों फिर आब अमुकी अमुक के साथ रहे गुरु गुरो स्वाहा।
इस मौके पर दुनिया के कोने-कोने से तांत्रिक यहां पहुंचते हैं और तंत्र साधना करते हैं। इसे तांत्रिकों का महाकुंभ कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
इसमें विभिन्न यंत्र, तंत्र, और ताबीज का उपयोग किया जाता है.
मेरी समझ में तो आपको दूसरी रीति पसन्द आवेगी। इसमें समय मी अधिक न लगेगा more info और अनुभव प्राप्त करने में किसी प्रकार की हानि की भी संभावना नहीं है। इस तरह ‘मंत्र विद्या’ में जो साधन आदि प्राचीन आचार्यों ने निश्चय करके अद्भुत रूप में विश्व के सामने प्रकट किये हैं। उनके अनुसार काम करने से हमें सहज ही में सफलता मिल सकती है।
ध्यान और शुद्धि: मंत्र का उच्चारण करने से पहले, आपको मन को शांत करना चाहिए। ध्यान या मेधावी आवस्था में प्रवेश करने के लिए ध्यान करें। अपने शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए स्नान और पवित्रता का अनुसरण करें।
जाप के लिए मूँगे की माला उपयोग करें
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (अमुक) मम वश्यं करु करु स्वाहा॥
नरसिंह की मोहिनी मोहे सब संसार, मोहन रे मोहनता वीर
देवी बगलामुखी वाक् शक्ति और मनोबल प्रदान करती हैं. अगर आप किसी व्यक्ति को अपनी बात मानवाना चाहते हैं या उसका मन अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं, तो बगलामुखी की पूजा सहायक हो सकती है. लेकिन, बगलामुखी देवी किसी को जबरदस्ती वश में करने में मदद नहीं करती हैं. आप वशीकरण के बारे में सोच रहे हैं, तो सबसे पहले, यह सुनिश्चित करें कि आप नैतिक रूप से सही काम कर रहे हैं.
इस लेख में, हम वशीकरण मंत्र के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि इसका उपयोग कैसे किया जाता है और इसके पीछे की विज्ञानिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण क्या है।
पान पढ़ि खिलावे, त्रिया जोरि बिसरावे, क्षीरे त्रिया तोरा साथ नहि जावे, नाग वो नागिन फेन काढ़े, तोर मुख न हित जाए वो, रे नागा, दोहाई गुरु नानक शाही का, दोहाई डाकिन का।